एक अमीर आदमी था। दिन चाहे सुख के हों या दुख के, भगवान अपने भक्तों के साथ हमेशा रहते हैं।
09 Sep 2014 Leave a comment
by Anil 4U in Gyan Ki Baatein, Hindi Stories With Moral, Quotes
छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र की सैर करने निकला। आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि अचानक एक जोरदार तूफान आया। उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस हो गई लेकिन वह लाईफ जैकेट की मदद से समुद्र मेँ कुद गया। जब तूफान शांत हुआ तब वह तैरता तैरता एक टापू पर पहुंचा लेकिन वहाँ भी कोई नही था। टापू के चारोँ ओर समुद्र के अलावा कुछ भी नजर नही आ रहा था। उस आदमी ने सोचा कि जब मैंने पूरी जिदंगी मेँ किसी का कभी भी बुरा नही किया तो मेरे साथ ऐसा क्यूँ हुआ..???
उस आदमी की आँखो से आँसू गिरने लगे। उसने ईश्वर से माफी माँगी और बोला कि मुझे क्या पता कि आपने मुझे बचाने के लिए मेरी झोपडी जलाई थी।
एक 12-13 साल के लड़के को बहुत क्रोध आता था।
05 Sep 2014 Leave a comment
by Anil 4U in Gyan Ki Baatein, Hindi Quotes, Hindi Stories With Moral, Quotes, Uncategorized
एक 12-13 साल के लड़के को बहुत क्रोध आता था।
उसके पिता ने उसे ढेर सारी कीलें दीं और कहा कि जब भी उसे क्रोध आए
वो घर के सामने लगे पेड़ में वह कीलें ठोंक दे। पहले दिन लड़के ने पेड़ में
30 कीलें ठोंकी। अगले कुछ हफ्तों में उसे अपने क्रोध पर धीरे-धीरे नियंत्रण
करना आ गया। अब वह पेड़ में प्रतिदिन इक्का-दुक्का कीलें ही ठोंकता था।
उसे यह समझ में आ गया था कि पेड़ में कीलें ठोंकने के बजाय क्रोध पर
नियंत्रण करना आसान था। एक दिन ऐसा भी आया जब उसने पेड़ में एक
भी कील नहीं ठोंकी। जब उसने अपने पिता को यह बताया तो पिता ने उससे
कहा कि वह सारी कीलों को पेड़ से निकाल दे। लड़के ने बड़ी मेहनत करके
जैसे-तैसे पेड़ से सारी कीलें खींचकर निकाल दीं। जब उसने अपने पिता को काम
पूरा हो जाने के बारे में बताया तो पिता बेटे का हाथ थामकर उसे पेड़ के पास
लेकर गया। पिता ने पेड़ को देखते हुए बेटे से कहा – “तुमने बहुत अच्छा काम
किया, मेरे बेटे, लेकिन पेड़ के तने पर बने सैकडों कीलों के इन निशानों को देखो।
अब यह पेड़ इतना खूबसूरत नहीं रहा। हर बार जब तुम क्रोध किया करते थे तब
इसी तरह के निशान दूसरों के मन पर बन जाते थे। अगर तुम किसी के पेट में
छुरा घोंपकर बाद में हजारों बार माफी मांग भी लो तब भी घाव का निशान वहां
हमेशा बना रहेगा। अपने मन-वचन-कर्म से कभी भी ऐसा कृत्य न करो
जिसके लिए तुम्हें सदैव पछताना पड़े…!!